देशभक्ति गीतिका

Patriotic geet

Originally published in hi
Reactions 0
303
rekha jain
rekha jain 14 Aug, 2022 | 1 min read



गीतिका

देशभक्ति पर दोहा गीतिका

हे ईश्वर मेरी सुनो,देश चला किस मोड़

उफना मटका पाप का,जल्दी देना फोड़(1)


आजादी के मर्म का,पूछें आज इलाज।

विचलित होकर ना करे,मिलेगा नहीं तोड़।(2)


सीमा पर मरते रहे,वीर सपूत जवान।

दुश्मन को ललकारते,मिले कठिन थे रोड़।(3)


कीर्तिमान गढ़ते रहे,बने भारत महान

प्रतिभा गायब खो रही,मची हुई है होड़।(4)


भारत की महिमा बढ़े,मिले सभी को न्याय

सर्वनाश उनका करें,करते यदि गठजोड़।(5)


हाथ जोड़ "रेखा"करें,विनती सबसे आज।

आप राष्ट्र निर्माण हित,करें कार्य बेजोड़।(6)


डॉ रेखा जैन शिकोहाबाद

स्वरचित व मौलिक रचना

0 likes

Published By

rekha jain

rekhajain

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.