rekha jain
12 Nov, 2024
#gift
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प्रभु आपसे मिला अनुपम उपहार ।
तभी तो मैने किया सहर्ष स्वीकार ।
अंतिम सांस तक ना भूलू उपकार।
जीवन भर किया सद्गुण अंगीकार।
इसके सरीखा ना था कोई उपहार।
डॉ रेखा जैन दिल्ली
स्वरचित व मौलिक
Paperwiff
by rekhajain
12 Nov, 2024
microfable
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