rekha jain
02 Jul, 2022
वृक्ष की पुकार
वृक्ष की पुकार
विटप धरती की अनोखी शान है आजकल उसका कोख से देह तक का हो दोहन हो रहा है प्रदूषित पर्यावरण से खतरा है ।अवरुद्ध हो रहा सांसों का आवागमन। ऐसे में मैं कैसे दूं किसी को आराम। वृक्ष पुकारे मुझे बचाओ रोहन। मेरी सांसें मिट रही है कुछ तो करों?
डॉ रेखा जैन शिकोहाबाद
Paperwiff
by rekhajain
02 Jul, 2022
#microfable
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