rekha jain
rekha jain 11 May, 2022
मित्र
मुझे मिला जो मीत है,हरदम मेरे साथ। जहां कहीं भी मैं डिगा, थामें मेरा हाथ। थामें मेरा हाथ,चाव से दिया सहारा। तभी बचायी जान,मौत से किया किनारा। कह "रेखा" सच बात,मित्रता ऐसी पाना जीना मरना साथ,मरते दम तक निभाना। डॉ रेखा जैन शिकोहाबाद स्वरचित व मौलिक रचना

Paperwiff

by rekhajain

11 May, 2022

#microfables

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