rekha jain
rekha jain 26 Jan, 2025
सुबह
#Picture prompt -17 सुबह दुख जब भी आये घबराओं नहीं समझों अंधेरा गया और सुबह करीब है चलते रहो जब रास्ता ना सूझे तभी मंजिल चलकर आयेगी दरवाजे पर खड़ा हुआ सोचता मेरे सपने कब फूल बनेंगे। डॉ रेखा जैन दिल्ली स्वरचित व मौलिक रचना

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by rekhajain

26 Jan, 2025

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