Picture prompt 1 june month
कुछ सहते कुछ कहते
भर ही जाता है हर जख़्म
वक़्त के साथ बहते बहते
एक शोर है मुझमें जो शांत बहुत है
क्या तुम कभी समझ पाओगे ?
इस जीवन की आपाधापी मे
थोड़ा सुकूँ दे पाओगे
ना रहेंगे कल ना कोई गिला रहेगा
फ़िर भी बादल आयेंगे यूँ ही बरस बरस जायेंगे
क्या तुम समझ पाओगे!!!
@kuch man ki
Paperwiff
by preetigupta3