मैं अधूरी तुम बिन

प्रियतम अपने प्रियवर से वर्णन करते हुये बता रही हैं कि जैसे जीवन अधूरा है सांस के बिना वैसे ही मैं अधूरी तुम बिन.........

Originally published in hi
Reactions 1
923
Preeti Gupta
Preeti Gupta 08 Sep, 2020 | 1 min read
#thepoetryblast


संगीत बिन जीवन अधूरा, 

मैं अधूरी तुम बिन,,,,

मैं सुर तुम ताल हो,

मैं वीणा तुम तार हो,

मैं घुंघरू तुम थाप हो,

मैं अधूरी तुम बिन,,,,,


तुम राग मैं रागिनी हूँ ,

तुम साज मैं स्वर हूँ, 

तुम लय मैं संगीत हूँ ,

मैं  अधूरी मुझ बिन,,,,


मैं धरा तुम अम्बर हो,

मैं प्रकृति तुम जीवन हो,

मैं उमंग तुम तरंग हो,

मैं अधूरी तुम बिन,,,,,,,


तुम कृष्ण मैं बाँसुरी हूँ ,

तुम जीवन मैं आधार हूँ,

तुम पथिक मैं मार्ग हूँ ,

मैं अधूरी तुम बिन ,,,,,,,


मैं शरीर तुम आत्मा,

मैं दिल तुम धड़कन, 

मैं कागज़ तुम क़लम, 

मैं अधूरी तुम बिन,,,,,,


तुम फूल में खुशबू, 

तुम सुख मैं दुःख,

तुम सागर मैं नदी,

मैं अधूरी तुम बिन,,,,,,,


मैं चाँदनी तुम चाँद ,

मैं करूणा तुम निष्ठुर, 

मैं शीतलता तुम तपिश,

मैं अधूरी तुम बिन,,,,,,,,,,


मैं श्रृंगार तुम जीवन का सार प्रियवर,

मैं अधूरी तुम बिन ,,,,,,,,

प्रीती गुप्ता 

स्वरचित व अप्रकाशित 

1 likes

Published By

Preeti Gupta

preetigupta1

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.