ख़्वाहिशें....

एक नारी की ख़्वाहिश कि वो कैसा जहाँ चाहती है।ये कविता के माध्यम से बताने की कोशिश की है।

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Preeti Gupta
Preeti Gupta 10 Oct, 2020 | 1 min read
Women's want?

एक ऐसा जहाँ तलाशती मेरी ख़्वाहिशें  ,,,

जहाँ बेटी की पैदाइश पर मनती हो खुशियाँ,

जहाँ समाज के हाथों कभी तिरस्कृत न हो,

जहाँ  बाहें फैला कर करती ख़्वाहिशें पूरी ,

जहाँ  पग -पग पर न देनी पड़े परीक्षा कोई,

 जहाँ अबला समझ कर न करें उत्पीड़न कोई ,

जहाँ कन्या को देवी मान पूजते, न होता शोषण कहीं,   

जहाँ फूलों की तरहां रखते ख्याल ,तो महकती बगिया,  

जहाँ स्त्री को लक्ष्मी मान पूजते, न करता अपवित्र कोई, 

जहाँ मिलता हो  स्त्री को मान और सम्मान ।।

प्रीती गुप्ता

स्वरचित ✍

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Preeti Gupta

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