" भाभी , पूरे दो साल बाद मायके आ रहीं हूँ . अब तो पुरानी बातें भूल जाओं " । अल्का ने.सामने सोफे पर गुस्से में बैठी अपनी भाभी हेमा से कहा ।
" दीदी , आपके लिए कहना आसान है । मुझसे पूछों कि कितनी तकलीफ़ होतीं हैं जब भी वो बातें याद.आती हैं " । हेमा ने गुस्से मे ऐंठकर जवाब दिया और वहाँ से उठकर चली गई ।
अल्का समझ गई थी कि उसकी भाभी हेमा आज भी वो पुरानी बातें. लिए बैठीं हैं । दो साल पहले जब अल्का की ननद राखी की शादी एक बड़ें बिजनेसमैन से हो गई थी तब हेमा के भाई ने सुसाइड कर लिया था क्योकि वो अल्का की ननद राखी को पंसद करता था और उससें शादी करना चाहता था लेकिन अल्का की ननद किसी और को पंसद करतीं थीं और उसनें उसी से शादी कर लीं थीं इसी गम मे हेमा के भाई ने अपनी जान दे दीं थीं और हेमा इसका कसूरवार अल्का को मानतीं थीं । पर अल्का पुराने गिले शिकवे दूर करकर वापिस से अपना रिश्ता अपनी भाभी के साथ सही करना चाहतीं थी इसिलिए वो आज बिना बुलाएं मायके आई थी । कुछ सोचकर अल्का भी सोफे पर से उठीं और अपनी भाभी के पीछे पीछें उनके कमरे मे चलीं गई । हेमा ने अल्का को देखकर मुंह फेर लिया तो अल्का उनके पास जाकर बोलीं -" ठीक हैं भाभी , आप मुझसे गुस्सा हैं तो रहिए बस सिर्फ़ एक बात का जवाब दे दीजिए -" इन सबमें मे मेरी क्या गलती थीं । मैने को किसी को कुछ कहा भी नहीं । बेटियां क्या बस सुनने के लिए होतीं हैं । ससुराल मे घर वालों की सुनों और मायके मे भैया , भाभी की , क्या मायके में मां के जाने के बाद भाभी को मां के रूप मे देखना गलत है । क्या आप अपनी बेटी से इतना गुस्सा रहोंगी । मां से ज्यादा प्यार आपने मुझे दिया है । पर अब वो प्यार पता नहीं कहाँ चला गया । मुझें माफ कर देना भाभी , चलतीं हूँ । बहुत सपने लेकर आई थी पर अब लगता है जाना ही ज्यादा बेहतर है " । कहकर अल्का वहाँ से जाने लगीं तो हेमा को ज्ञात हुआ कि वो कितनी बड़ी गलती कर रही हैं । भाई को तो खो ही चुंकी हैं अगर आज अल्का भी ऐसे ही चलीं गई तो वो एक बहन को , एक बेटी को हमेशा. हमेशा के लिए खो देंगी । वो झट से दौड़कर बाहर गेट पर गई और अल्का का हाथ़ं पकड़ कर उसे रोकते हुए बोलीं -" नहीं दीदी , मुझे माफ कर दीजिए । मुझसे ही गलती हो गई । मैं ही आपको नहीं समझ पाई । मैं पुरानी बातें लिए बैठीं रहीं और आप बार बार मुझे समझाती रही । कहकर हेमा.रोने लगी तो अल्का उससें लिपटकर बोली.-" बस भाभी , मुझे आपका प्यार चाहिए , आपका साथ चाहिए । मैं मायके मे वैसा ही स्नेह पाना चाहती हूं जैसा मां देतीं थीं " ।
" हां दीदी ,ये मायका भी आपका हैं । भाभी भी आपकी ही हैं " ।
पुराने गिले शिकवों मे रहने से केवल दूरियां ही बढ़ती है । बेहतर हैं गिले शिकवे भूलाकर जिंदगी मे आगे बढ़ जाना चाहिए ।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.