मुहब्बत की सच्ची दांस्ता

हर मुहब्बत कामयाब नहीं होतीं ।

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Pragati gupta
Pragati gupta 02 Jun, 2020 | 1 min read

ये ले राजा इनमें से कोई भी लड़की पसंद करलें " राजा की माँ ने उसके हाथों मे तस्वीरें थमाते हुए कहा । 

" मैने आपसे कितनी बार कहा कि मुझे शादी नहीं करनी मैं शादी करूंगा तो सिर्फ़ और सिर्फ अनीता से " । 

" राजा , उसे भूल जा हम तेरी शादी किसी भी हाल में अनीता से नहीं करेंगे " ।

" पर  क्यों मम्मी ? उसमें बुराई क्या है ? " राजा ने गुस्से मे अपनी माँ से पूछा ।

" बुराई अनीता में नहीं जिस परिवार से ब्लांग करती है उसमें हैं ।. हम शहल के जाने-माने रहीश और वह कहां एक घटियि से झोपड़ पटरी मे रहने वाली लड़की । हमारा कल्चर , सोसाइटी  कुछ भी तो उससे मैच नहीं करता । फिर कैसे कर दूं उससे तेरी शादी ? "

" मम्मी वो सब आप मुझ पर छोड़ दो बस आप शादी के लिए हां कर दो । मैं उसे सब करने के लिए मना लूंगा " ।

" मैंने कह दिया सो कह दिया तेरी शादी नहीं होगी तो नहीं होगी " । राजा की मम्मी ने राजा को जवाब देकर चुपचाप बाहर चली गई । राजा जो कि शहर का जाना मना रहीश था वो शहर की एक गरीब लड़की के प्यार में पड़ गया था जिसका नाम था अनीता । वो पढ़ी लिखी थी । पढ़ाई उसने भी काफी हद तक की थी । उसनें कैसे भी करके अपनी पूरी ग्रेजुएशन कंप्लीट कर ली थीं और अब पी जी की तैयारी कर रही थी । गरीबी की हालत मे जॉब के लिए ट्राई करते करते वो राजा जी ऑफिस पहुंच गई । राजा की कंपनी मे उसे जॉब मिल गई । पर राजा तो पहलु ही नजर मे अनीता का कायल हो गया । पर शुरुआत मे राजा को भाव नहीं देतीं थीं । वह जानती थी कि अमीरजादे कई बार लड़कियों को अपने प्यार के जाल में फंसा कर उन्हें छोड़ कर चले जाते हैं । पर राजा ऐसा तो नहीं था वो सचमुच अनीता से प्यार करता था । राजा की मोहब्बत ने अनीता को इतना विबश कर दिया कि वह खुद को भी राजा से प्यार करने से नहीं रोक पाई । मम्मी को जाते देख राजा ने अपनी कार की चाबी उठाई और कार ड्राइव करके सीधे अनीता के घर पर पहुंचा । उस टाइम शाम के 7:00 बज रहे थे इस टाइम राजा को आते देख अनीता ने उसका हाथ पकड़ा और उसे कोने में ले जाकर बोली - " इस टाइम तुम यहाँ ? कोई देख लेगा तो क्या कहेगा ? "

" देख लेने दों मैं तुमसे प्यार करता हूं और हमेशा तुमसे प्यार करूंगा मम्मी हमारी शादी के लिए नहीं मान रही हैं तुम भागने के लिए तैयार हो जाए " । राजा की बात सुनकर अनीता हैरान होते हुए बोली - " राजा तुम यज सोच भी कैसे सकते हो कि हम भाग सकते हैं । मेरी एक गलती आज के युग के हर लड़की को बदनाम कर देगी । हर मां बाप अपने बच्ची को शक की निगाहों से देखने लगेगे । मैं ऐसा नहीं कर सकती और मेरे पापा के बारे में सोचें तो मुझे इउन्होंने इतनी मुश्किलों से पाला । मैं उनकी नाक कटवाना नहीं चाहती " ।

" तो क्या तुम मुझसे प्यार नहीं करती ?"

" मैंने तो नहीं कहा ना कि मैं तुमसे प्यार नहीं करती , मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं पर मैं तुम्हारे साथ भाग नहीं सकती " .

" तो मेरा भी फैसला सुन लो तुम मेरे साथ शादी करोगी या फिल अपने जैसी कोई लड़की मेरे लिए ढूढकर लाओंगी जिससें मैं शादी करूंगा " । राजा अपनी बात कह कर मैं वहां से चला गया पर अनीता राजा के जाते ही वहीं बैठ कर रोने लगी और सोचने लगे कैसी शर्त रख दी तुमनें राजा ?  मैं न तो तुहारे बिना जी सकती हो और ना ही बाबा के बिना तो मैं तुझे एक को चुनना मेरे लिए बहुत मुश्किल था । पर मैं करू भी तो क्या करूँ ?  ये सोचकर अनीता वहां से उठी और अपना सामान बांध कर उसने शहर छोड़कर जाने का फैसला ले लिया । अपने बूढ़े बाबा को सहारा दे कर उसी रात वो राजा की जिंदगी से और एक शहर से हमेशा हमेशा के लिए दूर चली गई । अगली सुबह जब राजा को ये खबर मिली तो उसने अनीता को ढूंढने का हर सफल प्रयास किया । पर अनीता उसे कभी कहीं किसी भी गली मोहल्ले शहर या गांव में नहीं मिली । हालातों की हारकर राजा ने अनीता को ढूंढने में इस साल बिता दिया । फर जब 1 साल बाद भी अनीता की कोई खबर नहीं आई कि राजा ने किसी और से शादी कर लीं । ये एक छोटी सी कहानी हैं पर इस कहानी में छुपा हर एक लब्ज बहुत कुछ बयां कर रहा है । किस तरह मोहब्बत अमीरी और गरीबी की चक्की में पीस कर हार जाती है । मोहब्बत केवल दो जिस्मों का मिलन है दो दिलों के मिलने की दास्तां भी होती है ।



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