इन दिनों हर कोई किसी अपने से बिछड़ कर दूर हैं । किसी की मां उससे दूर हैं तो किसी की बहन तो किसी की पत्नी । हर कोई अपनों से मिलने के लिए तड़प रहा है । मैं भी अपने छोटे भाई से मिलने के लिए तड़प रही हूं । लॉकडाउन से पहले वो मम्मी पापा से मिलने घर चला गया । जबसे वो वहीं हैं । पर उसकी याद हर दिन बहुत परेशान करती हैं । तो आज ये लैटर उसके नाम
प्रिय अनुज भाई ,
उम्मीद हैं कि हम बहुत जल्द मिलेंगे । जैसे ही लॉकडाउन खत्म होंगा तुम वापिस आ जाना । तुम्हारी दीदी का तुम्हारे बिना मन नहीं लगता हैं । तुम नहीं तो सच मे बहुत बुरा लगता हैं । तुम्हारे साथ समय कैसे बीत जाता था पता ही नहीं चलता था । अब तुम नहीं हो तो समय भी काटने को दौड़ता हैं । कभी कभी हसीं मजाक मे तुम्हें डांटना और कभी कभी गुस्से मे तुम्हें जी भर कर कूटना बहुत याद आता है । तुम जब यहाँ होते हो त़ो सबसे ज्यादा मार मुझसे ही खाते हो क्योंकि तुम्हारी दीदी के साथ मैं तुम्हारी टीचर भी हूँ । दुआ करती हूं कि जल्द से जल्द ये लॉकडाउन खत्म हो और मैं तुमसें मिल पाऊं ।
तुम्हारी दीदू …
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