प्यार एक खूबसूरत एहसास है ।मानों तो जिंदगी हैं और न मानों तो कुछ भी नहीं है ।पर प्यार सच मे प्यार हैं क्या ? हममें से बहुत लोग प्यार का मतलब एक दूसरे से मिलना और बातें करना समझते हैं पर क्या सच मे प्यार यहीं होता है ? नहीं प्यार वो होता है जो दूरियों मे भी कम न हो , जो मुश्किलों मे भी साथ न छोड़े जो चाह कर भी न मिटें। जो मरने पर भी खत्म न हों । ऐसा अजर अमर प्यार ही सच मायने में प्यार होता हैं ।पर ये प्यार अब देखने ही कहां मिलता हैं आज कल का प्यार जिस्म की हवस से शुरू और जिस्म की हवस पर ही खत्म । ऐसा प्यार मुश्किल से एक महीना चलता हैं ।आज एक तो कल दूसरी आज कल के युवाओं ने प्यार का यही खेल बना रखा हैं । पर दोस्तों अगर सच मे प्यार चाहते तो पहले खुद प्यार करना सीखों ।
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