सुनो सूरज"! " सही किया क्या हमने भागकर ?"असमंजस मे पड़ी रीना चिंता के स्वर में बोलती हैं।
"हां , तुम टेनशन क्यों ले रही हो ?मैं हूँ न"। ये तीन शब्दों का वाक्य था तो बहुत छोटा पर रीना क मचलतेे दिल को सुकून देने के लिए काफी था।
"तुम्हें क्या लगता हैं। तुम्हारे पापा हमें कभी एक होने देते वो अपनी झूठी इज्जत के आगे हमारे सच्चे प्यार को भी ठुकरा देते", और फिर हमारा भी वहीं हस्र होता तो तुम्हारे रजनी दी और राज जीजाजी के साथ हुआ। भूल गई क्या तुम कि कैसे उन्हें हम सबके सामने जलती आग मे फेंक दिया गया था।"
"तो क्या पापा हमारे साथ भी ऐसा ही सुलूक करेंगे। रीना रोते रोते पूछंती हैं"।
और एक तरफ उदास सूरज बस इतना ही कह पाता है कि प्यार किया तो डरना क्या। जब इन मुश्किलों से लड़े हैं त़ आगे भी लड़ लेगें बस तुम हमेशा मेरे साथ रहना।
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