एक दिन नहीं, समूचे वर्ष

कहने को तो औरत संसार की किस्मत है लेकिन फिर भी वो किस्मत की मारी है और औरत आज भी जिंदा जलती है परन्तु फिर भी कहलाती कुरबानी है।

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Nidhi Jain
Nidhi Jain 22 Mar, 2021 | 1 min read
Womens #contest Womensday

प्रतेक वर्ष 8 मार्च को विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्रेम प्रकट करते हुए इस दिन को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। हालांकि कुछ क्षेत्रों में, यह दिवस अपना राजनीतिक मूलस्वरूप पूर्ण रूप से खो चूका है, और अब यह मात्र महिलाओं के प्रति अपने प्यार को अभिव्यक्त करने हेतु एक तरह से मातृ दिवस और वेलेंटाइन डे की ही तरह बस एक अवसर बन कर रह गया हैं। वहीं कई जगहों पर यह दिन केवल कुछ राजनीतिक पार्टियों के लिए अवसर लेके आता है। बहरहाल हम हमेशा से इस बारे में बात करते है और आए है कि महिलाओं को उनके हक का मान-सम्मान मिले व वो भी अपनी जिंदगी खुलकर जीए एंव पुरुषों के बराबर ही उन्हें भी अधिकार मिले आदि कई बातों के लिए महिलाएं हमेशा से ही एक लंबी लड़ाई लड़ती आ रही है लेकिन अभी तक उनको वो सम्मान हमारे समाज में नहीं मिला है। गौरतलब है कि उस समाज में जहां प्रतिदिन रेप के केस बढ़ते जा रहे है वही लोग हर साल महिलाओं के प्रति आदर दिखाने का ढ़ोंग करते है, बल्कि महिलाओं के सम्मान के प्रति एक दिन नहीं अगर पूर्ण वर्ष भी व्यतीत करदे तो कम हैं। कहने को तो औरत संसार की किस्मत है लेकिन फिर भी वो किस्मत की मारी है और औरत आज भी जिंदा जलती है परन्तु फिर भी कहलाती कुरबानी है।

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