भँवरजाल का मल्लाह: एक समीक्षा
क्या आपको हैरंत अंगेज़ करने वाली रहस्य कहानियाँ भाती है? क्या आप विशेष शक्तियाँ चमत्कार, मैजिक या तिलस्म भरी कहानियाँ पढ़ना पसंद करते हैं? यदि हाँ , तो बिन्नी आरजे द्वारा लिखी यह पुस्तक जो कि दरअसल इसी सीरिज़ की पहली किताब है, आपके लिए बिलकुल परफेक्ट है।
बिन्नी जी द्वारा लिखी गई उनकी यह पहली किताब अपने पाठकों के बीच अब अपनी धमाकेदार एंट्री ले चुकी है। इसकी कथा में पौराणिक एवं आधुनिक घटनाओं का सुंदर समावेश है। पहाड़ी के पीछे कोई राज़ है जिसे गाँव के लोग जानने को उत्सुक है। इस गाँव का नाम " कानु" गाँव है जिसके नामकरण के पीछे महाभारत रचाने वाले श्रीकृष्ण जी की मृत्यु का घटना - प्रसंग निहित है। चरित्र- चित्रण अत्यंत सुंदर है। पात्रों ने नाम भी उनके कार्यों के अनुसार ही रखा गया है। कुछ मुख्य चरित्रों के नाम इस प्रकार हैं--आमेट त्रिक्ष,सरांग, पुण्या, अरिहा निलकमल,कुमार अदिश,विश्वा, सत्या आदि। हर एक पात्र का सृजन किसी विशिष्ट उद्येश्य की पूर्ति हेतु किया गया है और सभी किसी न किसी अलौकिक शक्ति के धारक हैं। बिन्नी जी की भाषा- शैली में यदि तत्सम शब्दावलियों की भरमार है तो आधुनिक कथा का वर्णन करते समय उनकी भाषा सामान्य बोलहाल की हिन्दी भी बन जाती है, जिसमें अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग किया गया है। कुछ उदाहरण इस बात को स्पष्ट करने के लिए काफी होंगे।
यथा-- "शायद ठंड की पराकाष्ठा थी या फिर अंतहीन दर्द की--- पर आज ये आँखों से लुढ़क ही गया-- और बंजर रेगिस्तान सा कर गया सदा के लिए अरिहा के भूरे नयनों को--- पर उसके आँसू के उस आखिरी कतरे में सब्र की शीतलता थी, जिस से कहीं मिलों दूर धधकती ज्वालामुखी के लावे को पल भर के लिए ठंडक नसीब हो गया।"
" आवश्यक नहीं--हर बार कहने के लिए शब्दों का ही आदान- प्रदान किया जाए। कई बार आँखों द्वारा ही भावनाओं का संदेश पहुँच जाया करता है जो सीधे इंसान के रूह तक समा जाता है।"
" हम्मम्म्म्म-- वो हैरान अपनी भोंहें उठाए कहती हुई आगे बढ़ जाती है।"
पहले कह चुकी हूँ कि कहानी में अतीत और वर्तमान की कथाओं का सुंदर समन्वय देखने को मिलता है। जगह- जगह पर पूर्व-दीप्ति पद्धति( फ्लैश-बैक) के सहारे कथा को आगे बढ़ाया गया है। सुन्दर रंगीन पृष्ठों के माध्यम से हर एक अध्यायों की सूचना करना इस पुस्तक की एक विशेष बात है। बिन्नी जी ने इस विषय पर काफी परिश्रम किया है और पाठकों की उत्सुकता को बनाए रखने की दिशा में विशेष यत्न भी उन्होंने किया है।
कुछ अध्यायों के नाम इस तरह हैं-- कौन है वो---,काल विक्षोभ, इसलिए तुम मेरी जिन्दगी में आई, रहूं न रहूं, तुम -- मुझे हमेशा महसूस करोगे--आदि।
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