माँ की अलमारी-5

रवीन्द्रण अंकल ने मायरा से क्या कहा?

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Moumita Bagchi
Moumita Bagchi 09 Jun, 2021 | 1 min read
#confuse Detail

" हाँ मायरा यह सच है कि तुम्हारी माँ ने दो बार शादी की थी। एक बार अनिकेत के पिता से और दूसरी बार तुम्हारे पिता से।" सुहानी बोली।

" नहीं, यह सच नहीं है। आप लोग झूठी कहानी गढ़ रहे हैं।" मायरा से और सुना न गया। वह तैश में सोफे से उठ खड़ी हुई और बोली,

" आप दोनों को मालूम है कि आपने अन्याय से मेरी नौकरी छिन ली है और अब उसे वापस न देनी पड़े इसलिए मुझे मनगढ़ंत कहानी सुना रहे हैं। और तो और,आप लोगों को मेरी माँ के चरित्र पर भी ऊँगली उठाते हुए शर्म नहीं आई?"

" मैं तो यहाँ बेकार ही चली आई थी। सोचा था की थोड़ी सी संवेदना मिलेगी,,, पर आपका भी धन्यवाद,,, 🙏 लेकिन एक बात कहे बिना नहीं रह पा रही हूँ----आप लोगों से मुझे ऐसी उम्मीद नहीं थी।" कह कर गुस्से में पैर पटकती हुई मायरा उस घर से बाहर आ गई।

अनिकेत और सुहानी उसके पीछे- पीछे गेट तक दौड़े हुए आए थे। उन दोनों ने ही उसे वापस बुलाने और रोकने की बहुत कोशिश की परंतु वह रूकी नहीं। सीधे अपने घर पर पहुँच कर ही उसके कदम रुक पाए।

घर आते ही उसे सबसे पहले बुआ जी की तबीयत की याद आई। वही पूछने मायरा उनके कमरे में गई तो देखा कि बुआ जी दरवाज़े की ओर अपनी पीठ करके लेटे हुए मोबाइल फोन पर किसी से बातें कर रही थी। और उनकी कुछ बातें जैसे ही मायरा के कानों पर पड़ी वह अपनी जगह पर ही बुत की तरह खड़ी रह गई! हिल भी न सकीं!!

" हाँ बेटा,, अभी दर्द बहुत कम है। पर मुझे यहाँ कुछ दिन और रुकना पड़ेगा। जब तलक मायरा का कुछ बंदोबस्त न हो जाए। हाँ,,,, ठीक है,,, तुम लोग अपना ध्यान रखना। पिताजी को दवाई समय पर देते रहना। और सुनो गाय की देखभाल करना,,,, उसको जल्द ही बछड़ा होने वाला है,,,,,!

नहीं,,, भाभी के मायके से कोई नहीं आया। उनकी पिछली शादी से भी नहीं कोई ,,,, हाँ सुना है कि एक बेटा हैं पहले भी उनको ,,, पर उसका ,,, पता नहीं वह अभी क्या कर रहा है, कहाँ पर है,,,!

हाँ,,, भैया की सारी संपत्ति तो भाभी को ही मिली थी,,, भाभी ने भी इतने वर्षों तक ऑफिस में काम किया तो,,,, पैसे तो बहुत होंगे इनके पास!! नहीं,, अब तक तो नहीं मालूम हुआ,, मायरा बिटिया जब बैंक जाएगी,,, तो पता चल जाएगा। हाँ ,,, वह सब कुछ बताती तो है मुझे। बहुत ही सरल है मायरा"। " अरे नहीं, बेटा,,, कल ठीक हो जाऊँगी,, ज्यादा चोट नहीं आई।

जाऊँगी,, उसके साथ मैं बैंक,,, हाँ फिर तुझे फोन करके बताती हूँ!"

मायरा जल्दी से अपने कमरे में भाग आई। वहाँ पर खड़ी रह कर बुआ जी का वार्तालाप और न सुना गया उससे। इसका मतलब हुआ कि बुआ जी को भी माँ की पहली शादी के बारे में पता था? और वह अनजान बनी फिरती थी?

और क्या कहा उन्होंने,,,,? उन्हें मेरी माँ की छोड़ी हुई प्रापर्टी के बारे में ,,,उन्हें भी दिलचस्पी है? वे सारी सूचनाएँ इकट्ठी करके अपने बेटे को,,,, ओह,,, उसे कितना बड़ा धोखा हुआ है!

अगले दिन मायरा सो कर उठी तो ड्राइंग रूम में वकील अंकल उसे बैठे हुए मिले। ये अंकल उसकी माँ के दोस्त और सहपाठी थे। माँ हमेशा उनसे सलाह लिया करती थी। मायरा भी रवीन्द्रण अंकल को भलीभाँति जानती है। कई बार माँ से अस्पताल में वे मिलने भी आए थे।

मायरा ने उन्हें "नमस्ते" कहा तो देर तक रवीन्द्रण अंकल उसके सिर पर हाथ रखकर चुप-चाप खड़े रहे! फिर धीरे से बोले---

" मायरा बेटे,, मुझे दुःख है कि मैं पहले नहीं आ पाया तुम्हारे पास!"

" फिर इधर उधर अपनी नज़रों को घूमाकर बोले , "--कुछ जरूरी बात है,,, क्या हम और आप अकेले,,,,।" मायरा ने उनकी ओर देखा,,, अंकल के हाथ में फाइल में कुछ कागज़ात थे। मायरा अंकल को इसके बाद अपने बेडरूम में लेकर आई। बेडरूम का दरवाज़ा बंद करके अंकल बोले,,

" तुम्हारी माँ की वसीयत लेकर आया हूँ,,, साॅरी,,, तुम्हें इस तरह बता रहा हूँ,,, तुम्हारी माँ भी यही चाहती थी। घबराओ मत,,, सब ठीक होगा।" फिर उन्होंने विमला जी की वसीयत पढ़ कर सुनाया। इसमें विमला जी ने इस घर को और अपनी सारी संपत्ति मायरा के नाम कर दी थी परंतु नौकरी, उनकी इच्छा थी, कि अनिकेत को ही मिले।

" अंकल यह अनिकेत कौन है,,,? मुझे उनके बारे में बताइए।" " क्या तुम्हें कुछ नहीं मालूम बेटे,,, विमला ने कभी कुछ नहीं बताया?"

" नहीं अंकल,,, कभी नहीं बताया, उन्होंने। तब से बहुत काॅन्फ्यूज़ हूँ! आप तो उनके सहपाठी थे,, आपको तो सब मालूम होगा,,, मुझे बताइए अंकल! जरा डिटेल में।"

" ठीक है बेटा,, तुम्हारी माँ और तुम्हारे पिता अमोल और मैं-- हम तीनों ही सहपाठी थी और एक ही काॅलेज में पढ़ते थे। काॅलेज में ही विमला और अमोल को एक - दूसरे से प्रेम हो गया था। परंतु तुम्हारे नाना जी को अपने दोस्त का लड़का आभिनव ज्यादा पसंद था। सो, उनकी जिद्द के कारण ही एक प्रकार से जबरदस्ती विमला की शादी काॅलेज समाप्त होते ही अभिनव से करा दी गई थी। पर अभिनव को शराब पीने की बुरी आदत थी। शादी के पाँच वर्ष बाद ही वह लिवर सिरोसिस में मर गया। तब अनिकेत बहुत छोटा था। अभिनव प्राइवेट में जाॅब करता था। उसकी कोई खास सेविंग्स भी नहीं थी। जो भी कमाता था,, शराब में उड़ा देता था। इसलिए विमला और अनिकेत को उसके जाने के बाद आर्थिक संकट से गुज़रना पड़ा। ऐसे समय तुम्हारे नाना जी उनको अपने घर लेकर आए। परंतु विमला अपने पिता पर बोझ नहीं बनना चाहती थी। उसने आगे की पढ़ाई शुरु कर दी और साथ में नौकरी की तलाश भी करने लगी। इन्हीं दिनों उसकी मुलाकात फिर अमोल से हुई थी। अमोल,विमला की शादी के बाद कुछ समय के लिए दुःखी होकर विदेश चला गया था! सुना है कि वहीं पर किसी मेम से वह शादी भी कर बैठा था। पर बात कुछ जमी नहीं वहाँ तो वापस देश लौट कर आया। मेम से भी उसका तलाक हो गया था। देश आकर अमोल एक काॅलेज में पढ़ाने लगा। समय निकाल कर वह विमला की तैयारियों में उसकी मदद भी करने लगा। धीरे- धीरे उन दोनों के बीच सोया हुआ पुराना प्रेम एक बार फिर से जाग उठा। दोनों शादी करने के बारे में सोचने लगे। विमला को भी एक साथी की जरूरत थी और अपने बेटे अनिरुद्ध के लिए एक पिता की भी आवश्यकता थी। अमोल अनिकेत को भी अपनाने को तैयार था, परंतु तुम्हारे नाना जी इस बार भी नहीं माने। वे छिपकर दुबारा विमला के लिए दूल्हा तलाशने लगे थे! उनका अहं बेटी के सुख से भी ज्यादा जरूरी था। और इसीलिए उन्होंने दूसरी बार भी अमोल और विमला की शादी पर रोक लगा दी!"

  अगले भाग में जारी----  

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Moumita Bagchi

moumitabagchi

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Ruchika Rai · 3 years ago last edited 3 years ago

    ,👌🏼👌🏼👌🏼

  • Charu Chauhan · 3 years ago last edited 3 years ago

    बढ़िया 👌

  • Sonnu Lamba · 3 years ago last edited 3 years ago

    लेखन 👌👌👌👌

  • Moumita Bagchi · 3 years ago last edited 3 years ago

    रुचिका जी, चारू जी, सोनू,,, दिल से शुक्रिया🙏😍🥰

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