मेरी माँ मुझे रोज़ फोन करती हैं,
विदेश में, पति के साथ कैसी हूँ,
कोई तकलीफ तो नहीं है?
रोज़ मुझसे यही पूछती हैं।
उनकी अनंत जिज्ञासा के आगे
मैं अकसर, उनका और बाबूजी का
हाल पूछना भूल जाती हूँ।
मेरी माँ मुझे रोज फोन करती हैं।
मैं उनसे कितना लड़ती झगड़ती,
गुस्से में कहती,
"जाइए आपसे मुझे कोई बात नहीं करनी है।"
सुनती नहीं, फिर भी,
मेरी माँ मुझे रोज़ फोन किया करती हैं।
उस रोज कहा कि भैया कि शादी है, लाडो।
"पर माँ, मैं कैसे आ सकूंगी?
मेरी तो नौवा महीना चल रहा है
जानती हैं न आप?" मैंने कहा।
"आपने पहले क्यों नहीं बताया?"
" तुम अपना खयाल रखो, बिटिया
यहाँ सबकुछ संभालने के लिए, मैं हूँ ना?
तेरे भैया से कहकर
शादी के सारे फोटो भिजवा दूँगी,
भाभी से तब तुम भी बात कर लेना!"
माँ ने फोन पर मुझसे ऐसा कहा था,
मेरी माँ मुझे रोज ही फोन करती है।
आज मदर्स डे है,
बरसो बाद माँ से मिलने का यह मौका हाथ आया है।
माँ का नवासा भी साथ आया है।
विदेशों में जन्मा, पला-बढ़ा
आज अपने वतन से मिलने,
माँ के साथ आया है।
माँ को जब कही थी, यह बात,
फोन पर सन्नाटा छा गया था,
खुश होने के बदले माँ क्यों चुप हो गई?
यही मैं कभी समझ न पाई।
मेरी माँ मुझे रोज फोन करती हैं।
घर वापसी की खुशी में मैं भूल गई थी,
कि कई रोज से माँ के फोन
की घंटी सुनाई न दी थी।
एयरपोर्ट में भी कोई
हम माँ- बेटे को लेने न आया
यह कैसी, बेरूखी थी उनकी,
समझ न आया।
ढूंढ रही थी मेरी नज़र हर जगह
मेरी स्नेहमयी माता को
पढ़ती थी
हर आनेवाले चेहरे को,
कहीं मेरे लिए भी कोई न आया हो?
मेरी माँ मुझे रोज फोन किया करती थी।
चार दिन बाद भी
जब माँ की कोई खबर न मिली
उस पते को पुलिस की मदद से ढूंढा
जहाँ से माँ फोन किया करती थी।
एक रोज हम माँ-बेटे पहुँचे एक वृद्धाश्रम में!
माँ को देखा, स्वल्प साधनों के बीच,
लकवा-पीड़ित बाबूजी की सेवा करते हुए!
माँ मेरी रोज फोन किया करती थी,
परंतु कभी अपना और बाबूजी का हाल न कहती थी।
शादी के बाद भाभी से बनी उनकी
बीवी की जिद्द के खातिर, मेरे भैया ने
उन दोनों को वृद्धाश्रम छोड़ दिया था!
न जाने कहाँ से पैसा पाती थी वह?
माँ मेरी, रोज फोन किया करती थी,
पर भैया -भाभी की बुराई कभी न करती थी!
बचपन में, लाड़ से मैं अकसर उनसे कहा करती थी,
"माँ आप केवल मेरी माँ हो"
भैया के साथ मैं माँ को
नहीं बाँटना चाहती थी!
आज फिर वही दोहराया उनके सामने,
आपकी बेटी के रहते,
आप दोनों को वृद्धाश्रम की
कोई जरूरत नहीं है।
क्योंकि आप केवल मेरी माँ हो--!
अब माँ मुझे फोन नहीं करती,
हम दोनों साथ- साथ बतियाती हैं!
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