Moumita Bagchi
09 Sep, 2020
यादें
यादें तुम्हारी,
उस ढीठ बच्चे की तरह है।
जिसे कितना भी भगाऊँ,
मगर गलबाही डाले
किलकारी मारकर हँसती है।
Paperwiff
by moumitap3gmq
09 Sep, 2020
यादें बड़ी ढीठ हैं।
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