Moumita Bagchi
25 Jan, 2021
तुम अगर मिल भी गए
रास्ते यदि हमारे एक हो भी गए,
यह असंभव गर संभव हो भी जाए,
तो क्या हो?
बरसों की वह तन्हाई,
और जो तुम्हारी याद में आँसुएँ बहाई,
कैसे होगी उनकी भरपाई?
तभी तो-- अच्छी है यह जुदाई,
कम से कम उसमें है मिलन की एक आस समाई!
Paperwiff
by moumitabagchi
25 Jan, 2021
मिलन की आस
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