हिन्दी भाषा का उद्भव और विकास- भाग -2
भाषा किसे कहते हैं?
भाषा शब्द संस्कृत के "भाष्" धातु से बना है, जिसका अर्थ है बोलना या लिखना। अर्थात् हम अपने हृदयगत भावों को जिस माध्यम से बोलकर या लिखकर प्रकट करते हैं, उसे भाषा कहते हैं। हमारे देश में ऐसी कई भाषाएँ है। उदाहरण- हिन्दी, पंजाबी, उड़िया आदि।
भारतीय संविधान द्वारा 22 मुख्य भाषाओं को हिन्दुस्तान की राष्ट्रीय भाषा के रूप में मान्यता दी गई है।
बोली किसे कहते हैं?
सीमित क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा को बोली (dialect )भी कहते हैं। इसका रूप स्थानीय होता है। इसमें लोक साहित्य की रचना होती है। बोली को "विभाषा" या " उपभाषा" भी कहा जाता है।
उदाहरण:- बघेली, भोजपूरी, मैथिली आदि।
फिर भाषा और बोली में अंतर क्या है?
भाषा और बोली में निम्न अंतर हो सकते हैं:-
1) भाषा का क्षेत्र व्यापक होता है।अर्थात् इसे बोली की तुलना में अधिक लोग बोलते या लिखते हैं।
2) भाषा में साहित्य की रचनाएँ होती है, उसे राज-काज आदि में व्यवहार किया जाता है, जबकि बोली में सिर्फ सीमित लोक साहित्य की रचना होती है। उसका दायरा सीमित होता है। अकसर बोलियों का लिखित रूप नहीं मिलता है।
अपवाद
• ब्रज और अवधि हिन्दी की दो विशेष बोलियाँ थीं। परंतु सूरदास एवं तुलसीदास जी ने इन बोलियों में अप्रतिम साहित्य की रचना कर इसे भाषा की श्रेणी में पहुँचा दिया है।
• भोजपुरी भाषा में भी आधुनिक काल में काफी साहित्य की रचना हुई है।
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