क्वेरेन्टाइन का पहला दिन ( डायरी शैली में लिखी कहानी)

डायरी शैली में लिखी रिश्तों की कहानी

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Moumita Bagchi
Moumita Bagchi 31 Mar, 2020 | 1 min read

31/03/20

डियर डायरी,

मैं टिया। मैं नौ बरस की हूँ। मैं सेन्ट लवरेस स्कूल की पाँचवी कक्षा की छात्रा हूँ। इस समय करोना वायरस के कारण मेरा स्कूल बंद है।

आजकल मैं बहुत खुश हूँ। मम्मा पापा कुछ दिनों से हमेशा मेरे साथ रहते हैं। उनका ऑफिस भी मेरे स्कूल की तरह बंद हो गया है। लगता है GOD  ने मेरी सुन ली।

आजकल वे मेरे साथ खेलते हैं। पापा मेरे साथ पेंटिंग करते हैं। मम्मी मुझे स्टोरी बुक्स पढ़कर सुनाती हैं। शाम को म्यूजिक चलाकर मैं और मम्मा डांस करते हैं। पिछली बार फेयर से जो टेंट हाउस खरीदा था, आजकल उसके अंदर मैं पूरे दिन बैठी रहती हूँ। मम्मा भी नहीं डाँटती मुझे।

दोपहर को टेरैस में पापा के साथ आज मैंनै तीन प्लाॅन्ट्स लगाए। मुझे उन्होंने कितने सारे नए प्लांट्सों के नाम भी बताए--" स्नेक प्लांट, पिटुनिया, आरिका। अच्छा स्नेक के नाम से प्लान्ट भी होता है? मुझे तो नहीं पता था पहले।

आज लंच में मम्मा ने मेरी वाली फेवरिट चीकन कॅरी बनायी थी। वाह, बहुत दिनों के बाद मैंने मम्मा के हाथों बनी कोई डिश खाई। नहीं तो, मालती अंटी ही रोज मेरे लिए खाना बनाती हैं।

आजकल मालती अंटी भी, वह क्या कहते हैं, work from home   कर रही हैं न? इसलिए मम्मा को हम सबके लिए खाना बनाना पड़ रहा हैं। वर्ना मेरा सारा काम तो मालती अंटी ही किया  करती थी। मम्मा के पास टाइम ही कहाँ होता था।

मम्मा पापा रोज़ मेरे सोकर उठने से पहले ही ऑफिस चले जाते थे। एक बहुत बड़े कंपनी में दोनों काम करते हैं। बहुत काम होता हैं, उन्हें। रात को मेरे सो जाने के बाद वे घर लौट पाते हैं। संडे को भी लैपटाॅप पर काम करते हैं। मेरे साथ खेलने का उन्हें कोई टाइम नहीं होता था।

मेरा देखभाल शुरु से मालती अंटी ही करती हैं। वे ही मेरी मम्मा ,पापा, फ्रेन्ड सबकुछ हैं।

एकबार मेरी PTM  में भी मालती अंटी को जाना पड़ा था। मम्मा का उसदिन ऑफिस में मिटिंग थी  इसलिए। मालती अंटी को टिचर की कोई भी बात समझ में नहीं आई। वह इंग्लिश नहीं समझती  न?इसलिए। परंतु स्कूल में सारे दोस्त मुझे  उस दिन से मालती अंटी की बेटी कहकर चिढ़ाते हैं।

परंतु आजकल सब ठीक है। मम्मी पापा मूझे बहुत प्यार करने लगे है।

अच्छा मेरी प्यारी डायरी, यह छुट्टिया हमेशा के लिए नहीं हो सकती? फिर तो कितना मजा आ जाता!


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