सुन मेरे हमसफ़र

दिल से दिल का रिश्ता

Originally published in hi
❤️ 0
💬 0
👁 1224
Mona kapoor
Mona kapoor 18 Jan, 2020 | 1 min read

मेरे जीवनसाथी इस पवित्र बंधन में,
हाथ थाम साथ चलना है।
राह की ऊंची नीची डगरिया को,
मिल कर पार करना है।

वर्चस्व रहेगा अधूरा हम दोनों
का एक दूजे बिना।
वक़्त की कसौटी में,
जीवन की चुनौती में,
सुख-दुःख में बन साथी,
साथ-साथ चलना है।
राह की ऊंची नीची डगरिया को,
मिल कर पार करना है।

कभी रूठे तो समझ कर,
आपस में मना लेंगे।
कुछ खट्टे -मीठे पलों को,
यादों में संजो लेगे।
हाथ थाम,साथ निभा,
ज़िंदगी भर प्यार करना है।
राह की ऊंची नीची डगरिया को,
मिल कर पार करना है।

सुन मेरे हमसफर अपना
एक दूजे के गुण-अवगुण,
सींच कर प्यार, विश्वास व सम्मान से,
कर मिलन रूह से रूह का,
इस रिश्ते की डोर को और,
मजबूत करना है।
राह की ऊंची नीची डगरिया को,
मिल कर पार करना है।

धन्यवाद

कॉपीराइट©मोना कपूर

0 likes

Support Mona kapoor

Please login to support the author.

Published By

Mona kapoor

mona kapoora4hl

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.