"मम्मा..मम्मा! क्या मैं बाहर खेलने जाऊं?" नन्ही जीनल ने अपनी माँ सारिका से जोकि रसोई में उनके घर मिलने आयी अपनी सहेली ऋचा के लिए चाय बना रही थी, उससे पूछा।
"हाँ बेटा! बिल्कुल जाओ, लेकिन ध्यान से खेलना व अपना ध्यान रखना"। सारिका चाय तैयार कर ट्रे में ले जाकर अपनी सहेली के पास बैठती हुई बोली।
"अरे! अरे! सारिका, यह क्या कर रही हो तुम। जीनल को बाहर क्यों भेज रही हो खेलने? क्या तुम्हें पता नही कोरोना वायरस ने अपना कहर ढ़ाया हुआ है और जीनल अभी सिर्फ 8 साल की है तो इसके लिए तो और ज्यादा डर की बात है। मैं तो अपने बेटे को बाहर नही निकलने देती"। तुम कही नही जाओगी जीनल बेटा, ऋचा ने जीनल का हाथ पकड़कर उसे अपने पास बिठाते हुए बोला।
"आंटी! मम्मा ने मुझे सब समझा रखा है। मुझे पता है हमें इससे खुद को सुरक्षित कैसे रखना है। मम्मा ने मुझे बताया है कि इस संक्रमण से बचने के लिए हमें स्वयं अपना बचाव करना होगा। मम्मा ने मुझे दस का दम बताया है।
"दस का दम! मतलब, वो क्या है?"
आंटी, "दस का दम" मतलब जिस तरह हमारे हाथों में10 उंगलियाँ होती है जोकि हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है उसी तरह 10 ऐसी महत्वपूर्ण सावधानियां है जिन्हें हम सबको बरतने से यह कोरोना वायरस हमारा बाल भी बांका नही कर सकता।" नन्ही जीनल की बातें ऋचा को इम्प्रेस कर रही थी व साथ ही साथ सारिका की मंद मुस्कान उसे प्रेरित कर रही थी कि वह जीनल से जानें कि ऐसी कौन सी 10 सावधानियां सारिका ने उसे बताई है जिससे हम सुरक्षित रह सकते हैं।
"अच्छा, जीनल बेटा। क्या आप मुझे बताओगे वो दस का दम के पीछे की दस सावधानियां?"
"जी जरूर आंटी!"
1) अपने हाथों को हमेशा साबुन से धोते रहे खासकर खाना खाने से पहले व खाना खाने के बाद। और तो और जब भी आप बाहर से घर लौटे हाथों को साबुन से 20 सेकण्ड्स तक अवश्य धोए।
2) हर जगह साबुन का मिलना सम्भव नहीं इसीलिए अपने पॉकेट में एल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर अवश्य रखें व समय समय पर हाथों को सैनिटाइजर से साफ करते रहे।
3) घर से बाहर निकलते हुए मास्क अवश्य पहने, अगर मास्क नही है तो आप रुमाल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
4) खांसते व छींकते समय मुंह पर टिशू पेपर या रुमाल अवश्य रखें।
5) बिना हाथ धोए अपने आंख, नाक व मुंह मत छुए क्योंकि यह संक्रमण छूने से नही होता बल्कि हमारे हाथों के जरिये ही हमारे शरीर में प्रवेश करता है।
6) बाहर का बना खाना बिल्कुल मत खाये। घर का साफ़- सुथरा भोजन ही ले। व ज्यादा से ज्यादा गर्म पानी पिये क्योंकि यह वायरस गर्म पानी पीने से शरीर से मर जाता है।
7) अगर आपको बुखार,खांसी व सांस लेने में तकलीफ़ हो रही है तो घबराए नहीं न ही छुपाए। तुरंत अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें आपको इलाज की आवश्यकता है जिससे आप पहले जैसे बेहतर हो जाएंगे।
8) भीड़ में जमा होने से बचे ताकि आप खुद का बचाव कर सकें। व अगर कोई इंसान आपके सामने लगातार खांसता या छींकता है तो उससे 1 मीटर की दूरी बनाए रखें।
9) भारतीय संस्कृति को फिर से अपनाएं। लोगों से हाथ मिलाने की बजाय दोनों हाथ जोड़कर नमस्ते करें जिससे आपका बचाव तो होगा ही साथ ही साथ हमारी संस्कृति को भी सम्मान मिलेगा।
10) सबसे महत्वपूर्ण बात आंटी, इस कोरोना वायरस से हम सबको मिलकर लड़ना है ,साथ खड़े होना हैं इसलिए हमारा फर्ज़ बनता है कि हम किसी को भी इससे संबंधित गलत जानकारी नही दे। इससे संबंधित सभी जानकारी हमारी वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन(WHO) ने अपनी साइट्स पर दी हुई है तो बेहतर है कि कुछ गलत जानकारी देने व प्राप्त करने से बचें व सही जानकारी लेकर इससे मुकाबला करें।
जीनल ने जल्दी-जल्दी अपनी उंगलियों पर गिनते हुए यह सारी महत्वपूर्ण जानकारी बता दी थी।
"अब मैं जाऊं आंटी"? जीनल ने अपनी जेब मे सैनिटाइजर डाला व मुंह पर मास्क लगाते हुए पूछा।
"हाँ बच्चा, बिल्कुल, लेकिन ध्यान से" ऋचा बोली।
"वाह दोस्त! तुमने तो इस छोटी सी बच्ची को भी पूरा तैयार कर रखा है। सच में, बहुत अच्छा लगा यह सब जानकर।मैं भी घर वापिस जाते ही अपने बेटे को भी यह सब बातें समझा दूँगी व उसे खेलने दूँगी ताकि वह घर पर बैठा बोर न हो।"
बिल्कुल ऋचा! कोरोना वायरस से डरने की जरूरत नहीं बल्कि जरूरत है तो सिर्फ सतर्क रहने व सावधानियां बरतने की। रही बात जीनल को तैयार करने की तो ये बच्चे तो देश का भविष्य है इसीलिए इन्हें तैयार करना तो जरूरी है ताकि यह डर कर घर में छुपे नही बल्कि बाहर निकल कर और लोगों को भी जागरूक करें। इसीलिए ऋचा "हम सब एक साथ होकर चलेंगे तभी मिलकर कोरोना वायरस से लड़ेंगे"।
सही बात! दोनों सहेलियों की कई सामाजिक विषयों से संबंधित चाय पर चर्चा चालू थी।
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