मेरी पहचान है मेरी शान #Myidentity

हम सबमें कुछ न कुछ हुनर अवश्य छिपा होता है बस देर है तो उसे पहचानने की।

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Mona kapoor
Mona kapoor 02 Mar, 2020 | 1 min read

#Myidentity


मैं एक मध्यम परिवार में जन्मी लड़की हूं,माता पिता की इच्छा अनुसार पढ़ाई करी लेकिन मन को वह संतुष्टि ना मिल पाए जिसकी उसे चाह थी।।फिर शादी हुई और हमसफर के रूप में एक सच्चा जीवन साथी मिला जिन्होंने मुझे मेरे जीवन के हर कदम में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। शादी के 2 साल बाद मैंने एक प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया उसकी देखरेख में कितने साल कैसे निकल गए पता ही नहीं चला। बिटिया बड़ी हुई और स्कूल जाने लगी मुझे अपने खुद के लिए कुछ सोचना था अपना अस्तित्व का निर्माण करना था,लेकिन मैं यह सोचने में असमर्थ थी कि मुझे किस दिशा की ओर अपना कदम बढ़ाना है।


शुरू से ही लिखने का शौक था लेकिन समझ नहीं आ रहा था कि शुरुआत कैसे करूं... यहीं उलझने मेरी सोच पर धीरे-धीरे हावी होती गई और मुझे नकारात्मकता की ओर लेते चली गई मुझे ऐसा लगने लगा था कि शायद मैं अकेली हूं और मेरे अंदर वह विशेषता ही नहीं है जिसके चलते मैं खुद के लिए कुछ कर पाऊं, एक समय ऐसा हो गया जब मैंने अपनी नकारात्मक सोच के कारण खुद को माइग्रेन, डिप्रेशन व तनाव जैसी परिस्थितियों में डाल दिया और लगातार नींद की दवाइयों का सेवन करने लगी,जिससे जीवन खत्म सा होता जा रहा था।


 मेरे पति का मुझे पूरा सपोर्ट था पर फिर भी मैं खुद को संभाल नहीं पा रही थी और सबसे ज्यादा चिंता का विषय था मेरा परिवार खासकर मेरी बेटी जो कि बहुत छोटी थी मुझे डर लगने लग गया था कि अगर मुझे कुछ हो गया तो इसका क्या होगा! बस फिर क्या था खुद पर हावी हुई नकारात्मक सोच को मात देने की ठान ली थी मैंने और धीरे-धीरे अपने भावों को कलम के माध्यम से व्यक्त करना शुरू कर दिया एक नई पहचान बनी, बहुत सी नयी सखियां मिली जिन्होंने हर कदम पर मुझे सपोर्ट किया और मुझे बहुत प्यार भी दिया।मेरे पति और मेरी सभी सखियों के प्यार और दिए गए सम्मान के कारण धीरे धीरे मेरा खोया आत्मविश्वास फिर से जागृत होने लगा।


 मैं अपने सपनों को पूरा करने की ओर बढ़ चुकी थी। ऑनलाइन प्लेटफार्मस पर लिखते हुए व अपने पाठकों का प्यार पाते हुए मैंने अपनी चार पुस्तकें भी प्रकाशित करवाई जिनमें से एक एकल संकलन व तीन सांझा संकलन रही। इन उप्लब्दियों को हासिल करने के साथ साथ मुझे भगवान द्वारा दिया गया एक और तोहफा मिला मैं फिर से एक प्यारी सी बिटिया की मां बनी। आज मैं बहुत खुश हूं कि मुझे जीवन जीने की एक नई राह मिली व इस राह में मेरी कलम मेरी साथी है और अब लेखिका के रूप में इसी राह पर चलते हुए मुझे आगे बढ़ते जाना है क्योंकि "मेरी यह पहचान है मेरी शान"।


साथ ही साथ मै अपने जैसी हर औरत को यही सलाह देना चाहूंगी कि हमारे जीवन में समय चाहे अच्छा हो या बुरा हो हमे कभी हार नहीं माननी चाहिए और हर औरत के अंदर कोई ना कोई विशेषता जरूर छिपी होती है उस विशेषता को पहचान कर खुद पर विश्वास करके बस आगे  बढ़ते जाए।खुद को कभी कम ना आंके क्योंकि जब एक औरत अपने अंदर से एक नए जीव को जन्म दे सकती है तो सोचिये वो क्या नही कर सकती!


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Mona kapoor

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