नन्ही कली की पुकार

नन्ही सी परी की पुकार

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Mona kapoor
Mona kapoor 02 Jan, 2020 | 0 mins read

माँ की कोख से
नन्ही कली की आई पुकार
हूँ मैं तेरा अंश माँ
इस तरह तू मुझे मत मार।

सुन कर दुनिया की बातें
तू मुझसे छुटकारा चाहती है
अभिशाप समझकर ईश्वर के
वरदान को क्यूँ ठुकराती है।

सिमटी मेरी दुनिया तुझमें,
तू ही तो मेरा सहारा है
अफ़सोस तेरी नासमझी ने
अपने रिश्ते को नकारा है।

तेरे आँचल के छाँव तले
मुझको भी तो सोना था
बन कर तेरी परछाई माँ
तेरे संग बड़ी ही होना था।

आकर इस दुनिया में
इक बेटी बढ़ाना चाहती थी
एबॉर्शन जैसे पाप से मैं
तुझे बचाना चाहती थी।

मुझे आने तो देती
मैं तेरा सम्मान बढ़ाती
एक ना एक दिन तुझे
गर्व महसूस करा जाती।

खैर! तेरे इस फैसले का
मान अब बढ़ाऊँगी
भेज रही तू जहाँ मुझे
लौट के अब ना आऊँगी
वक्त हो चुका जाने का
अच्छा चलो मैं चलती हूँ
पर यकीं मुझे है माँ
तुझे याद बहुत मैं आऊँगी।

धन्यवाद

©®मोना कपूर

मोना कपूर

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