ग़ज़ल

एक इंसान आपसे प्यार से बात करे आपकी थोड़ी परवाह करे आपके मुश्किल में तो वो उसकी इंसानियत भी हो सकती है उस गलत मत समझो।

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Jyoti agrawal
Jyoti agrawal 29 Jun, 2020 | 1 min read
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मैं गुलशन नहीं हूं चमन का जो तुम यूंही तोड़ लोगे,

माना कि बोली में मिठास है तो क्या रिश्ता जोड़ लोगे।


चुना है मैंने रास्ता जो दूर से तन्हा नजर आता हैं,

इस गलतफहमी में मेरे लिए अपना रास्ता मोड़ लोगे।


बाशिंदा हूं मैं भी इसी बेगैरत दुनिया की समझलो,

लचीला रबड़ नहीं जिसे सहूलियत सा मरोड़ लोगे।


बदन चमकता है शबनम सा तुम्हे खींचता भी है, 

पर जागीर नहीं हूं तुम्हारी जो मर्जी से निचोड़ लोगे।


नौसिखिया है "ज्योति" जिंदगी जीना सीख रही है,

नादान परिंदे को सिखाओगे या यूहीं छोड़ लोगे।


ज्योति अग्रवाल



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Jyoti agrawal

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Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Manu jain · 4 years ago last edited 4 years ago

    Bahut khoob di 🙌

  • Babita Kushwaha · 4 years ago last edited 4 years ago

    Nice

  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    वाह

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