Indu Verma

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बरसात और हम
शिफा को बारिश बहुत पसंद थी। जब भी बारिश आती नहाने के लिए छत पर भाग जाती थी। शादी होकर ससुराल चली गई। जब बारिश आई तो नहाने का भीगने का खूब मन हुआ, परंतु ससुराल में थी अब वह। इसलिए मन मार कर रह गई। अंदर कमरे में जाकर छिपकर रोने लगी। तभी उसके पति वहां आ गए।शिफा को रोते देखा पास आकर पूछा, क्या बात हुई किसी ने कुछ कहा क्या? शिफा ने दिल की बात बता ही दी कि बारिश में भीगना उसे बहुत पसंद है। पर यहां नहीं कर सकती क्योंकि अब वह ससुराल में है। शेखर ने मुस्कुराते हुए शिफा की तरफ देखा और बोले, पगली यहां सब तुम्हें बहू नहीं बेटी ही समझते हैं।जो तुम्हारे दिल में तुम वो कर सकती हो। शेखर ने शिफा का हाथ थामा और आंगन में खींच ले गया।शिफा की खुशी का ठिकाना नहीं था। उसके चेहरे पर जो चमक थी वह देखते ही बनती थी। ईश्वर करे सदैव शिफा का दामन खुशियों से भरा रहे।हर बेटी को ऐसी ससुराल मिले जहां खुशियों की बारिश सदैव होती रहे

Paperwiff

by induverma

कहानी बरसात की

19 Jul, 2021