Indu Verma
Indu Verma 19 Jul, 2021
बरसात
बारिश की बूंदें हैं, लगती सुहानी मन में तरंगें उठी,हो ना नादानी धरती की प्यास बुझी, मनवा मुस्काया तुझ संग ये बरखा, लगे है रूहानी

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by induverma

19 Jul, 2021

बरसात

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