fazal Esaf
fazal Esaf 28 May, 2025
अलिफ़ से अल्लाह
असद ने अपने बेटे को पहली बार “अलिफ़” लिखते देखा — कांपती उँगलियों से, टेढ़ा-मेढ़ा सा। पीछे खड़ी थी असद की माँ, जिनकी झुर्रियों में मुहाजिरी की धूल थी। “बेटा,” असद ने कहा, “बस इतना समझ ले, ये हर अल्फ़ाज़ की शुरुआत है — और हर दुआ का भी

Paperwiff

by fazalesaf

28 May, 2025

हर भाषा की शुरुआत कहीं न कहीं इबादत से होती है।

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.