खुद से प्यार करना ही अरदास है!

Say no to body shaming . Love yourself.

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Deepali sanotia
Deepali sanotia 20 Apr, 2021 | 1 min read

क्या होती है ये बॉडी शेमिंग

और क्यो होती है ये बॉडी शेमिंग

क्या ये वाकई दिया हुआ दोष औरों का है

या ये अहसास दिया हुआ अपनों का है


कुछ सालों पहले एक लड़का मेरे घर आया था

उसने मुझे अपना हाले दिल सुनाया था

कह रहा था,"मैं उसे पसंद हूँ "

पर, ये क्या! मैं खुद तो अपनी

बॉडी शेमिंग के अहसास में ही बंद हूँ


मेरे हाथ पर एक बर्न स्कार था

वो भी उस लड़के को स्वीकार था

"मेरा रँग कुछ ज़्यादा सावला है "

उसने कहा,"उसे देख कर ही वो बावला है"

मैनें कहा,"सब कहतें हैं,मेरी शादी में समस्या आएँगी"

उसने कहा,"उन सबको क्या हमारी शादी भाएँगी?"


उस लड़के की आँखों में जो मैने देखा, वो ना

अपनों की आँखों में अब तक देख पाई थी

उस लड़के से उसी दिन से मेरी

मन से मन की सगाई थी


घर वालों को जब पता चला

तो वो शामत आई थी

जात-बिरादरी, ऊँच-नीच

ना जाने कितनीं बातें चल आई थी

सबने मेरी बॉडी के दोष की तो

कहानी ही भुलाई थी

जिस कहानी को सुनकर

मुझे मेरी ज़िंदगी ही नहीँ भाई थी



उस लड़के की आँखों में

मैं जैसी हूँ मेरा वैसा स्वीकार था

इसलिए मुझे मेरे घर वालों का विरोध

भी अस्वीकार था

उसका साथ पाकर मैं बॉडी शेमिंग

के अहसास से मुक्त हो गई थी

और अब अपनी ज़िंदगी खुबसूरती से

जीने के लिए उन्मुक्त हो गई थी


मित्रों ये बॉडी शेमिंग सिर्फ़ एक अहसास है

इसका निर्माता कोई अपना ही खास है

इस अहसास से मुक्त हो कर

खुद से प्यार करना ही अरदास है

खुद से प्यार करना ही अरदास है


स्वरचित

दीपाली सनोटीया

20/04/2021














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Deepali sanotia

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Comments

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  • ARUN SHUKLA Arjun · 4 years ago last edited 4 years ago

    वाह वाह वाह बहुत ही भावपूर्ण

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