Deepali sanotia
26 Jan, 2022
देश के प्रहरी हम
कदम से कदम मिलाकर चलें
लाँघ रहे घर की दहलीज
निकल पड़े जंग के मैदान में
भरी तपती दोपहरी हम
जीत का सपना या शहादत की लालसा
लिए चल पड़े देश के प्रहरी हम
इस माटी ने जन्म दिया
इस माटी में ही मिलना है
इस माटी का ही तिलक लगा कर
मंज़िल पाएंगे सुनहरी हम
Paperwiff
by deepalisanotia
26 Jan, 2022
Microfable contest
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.