Deepali sanotia
Deepali sanotia 12 Dec, 2022
अनूप
हर कोई अकेला है अपने ही घर पर बस थोड़ी सी कट रही है ज़िदगी चौपालों पर ये जगह भी तो एक चौपाल ही है यहाँ मैं हूँ और मुझ जैसे कई हम ख़याल भी तो हैं

Paperwiff

by deepalisanotia

12 Dec, 2022

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