Deepali sanotia
Deepali sanotia 07 Nov, 2022
गाजर घास
उग रही हैं आँखें गाजर घास की तरह गली मोहल्लों में; कभी घूरती, कभी झपकती, कभी कोरों से भेदती; शायद वहाँ भी कोई बच्ची जवान हुई है। इस गाजर घास का उगना हमारे वश में नहीं होता, पर हर बच्ची के अंदर निडरता और आत्मसम्मान का गुलाब उगाना हमारा ही फर्ज़ है।

Paperwiff

by deepalisanotia

07 Nov, 2022

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