Deepali sanotia
Deepali sanotia 21 Feb, 2022
डायरी के कुछ पन्ने
पलटते-पलटते कुछ पन्ने डायरी के यूं ही सामने आ गएँ वो पन्ने भी उन यादों से कैसी वफ़ा निभा गएँ यादें उन लम्हों वाली, जब मायूसियों ने घेरा था छूट चुका था बाबुल का साथ उन संग कुछ यादों का फेरा था एक पन्ना कुछ धब्बेदार था शायद आँसुओं से नहाया था बाबुल के जाते ही ना जाने क्यूँ माँ का घर भी पराया था डायरी के कुछ पन्ने जीवन का सच बताते हैं पीछे की ओर पलटकर बीते लम्हों की याद दिलाते हैं

Paperwiff

by deepalisanotia

21 Feb, 2022

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