Deepali sanotia
10 Dec, 2022
पछतावा
पछता रही हैं ज़िदंगी
उन्हे अब याद कर के
क्यूँ उस दौर में
पत्थर दिल हो बैठे थें?
क्यूँ ना उन्हे चैन से जिने दिया?
ना ख़ुद कभी चैन लिया!
हँसते हैं हम ख़ुद पर
ना जाने किससे फरियाद कर के
Paperwiff
by deepalisanotia
10 Dec, 2022
#topicfree
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