Deepali sanotia
20 Jun, 2021
बरगद का दरख्त
एक बिटिया के पहले घर में एक विशाल बरगद का दरख्त था
घनी छाया में जिसकी बचपन उसका खेल रहा था
आते-जाते यायावर वहाँ त्राण कितना ही पा जाते थें
पल-पल सब घर की बिटिया को ही परायाधन बतलाते थें
अब लुप्त हो गया है वो दरख्त बरगद का
अब एक दूसरा घर है घर की बिटिया का
इस घर में भी उस घर की बिटिया
पराये घर से आई हुई ही कहलाती है
उस दरख्त की बस चंद यादें ही विरासत में पाती है
Paperwiff
by deepalisanotia
20 Jun, 2021
Father's Day#Microfable
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