Deepali sanotia
Deepali sanotia 17 Nov, 2021
नज़रें
छुप रही हैं आँखें अब लोग चुरा रहे हैं नज़रें सामने हूँ पर नज़रअंदाज़ कर रहे हैं कितने छोटे हैं ये ज़ाहिर बेबाक कर रहे हैं

Paperwiff

by deepalisanotia

17 Nov, 2021

Hindi poetry

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