Deepali sanotia
06 Jul, 2022
नज़र
तुम नूर की दास्ताँ लिए फिरती हो
तुम मुहब्बत भरी मीठी ज़ुबाँ लिए फिरती हो
कहीं नज़र ना लगे तुम्हे हमारी
ना जाने हमे सताने के लिए
गली-गली कौन सा क़हक़हा लिए फिरती हो
Paperwiff
by deepalisanotia
06 Jul, 2022
#Microfable contest #nazar#shayari
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