Deepali sanotia
06 Jul, 2022
नज़र बंद
ना जाने क्या कारीगरी है तुम्हारी
हर लम्हा ही नज़र बंद रखते हो
लिबास तक तो ठीक है
ख़्वाबों को भी हमारे पाबंद रखते हो
तुम्हारे लिए हम गुल तो है
बस सरहदे इसी गुलीस्ताँ की तय रखते हो
कहीं नज़र ना पड़े हम पर किसी अंजान की
इस बात का पुर-ज़ोर बंदोबस्त रखते हो
Paperwiff
by deepalisanotia
06 Jul, 2022
#Microfable contest #nazar#shayari
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