Deepali sanotia
Deepali sanotia 11 Nov, 2022
ज़हर
अपने ज़हन में ज़हर ख़याल सम्हाल बैठे हैं ये लोग हैं जनाब अपने गिरेबां में ना जाने क्या-क्या पाल बैठे हैं बन कर साँप आस्तिनों के काट तो हमको ही खाएं हैं कैसे लोग हैं? अपनों की सूरतों में दुश्मनों से मंसूबें पाल बैठे हैं

Paperwiff

by deepalisanotia

11 Nov, 2022

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