राजू पाठशाला से आया तो बहुत उत्साहित था क्योंकि आज अध्यापक ने कक्षा में क्रिसमस के त्योहार के बारे में बताया था कि कैसे पश्चिमी देशों में क्रिसमस मनाया जाता है।जिसमें सांता क्लॉज घर-घर जाकर बच्चों को तोहफे बांटता है।भारत में भी क्रिसमस ईसाईयों के साथ-साथ ओर धर्म के लोग भी मनाने लगे हैं।उसने जब मां को यह सब बताया तो वह बोली,"हम गरीब लोगों की झुग्गी में कोई सांता क्लॉज नहीं आएगा।"यह सुनकर राजू बहुत ही उदास हो गया।शाम को उसकी दोस्त मुनि राजू को खेलने के लिए बुलाने आयी तो उसे उदास देख उसकी मां से पूछने लगी कि राजू को क्या हुआ?उसकी मां ने उसे सारी बात बताई।ये सुन मुनि ने राजू से कहा,"राजू तुम उदास मत होओ।चलो खेलने चलो।"पर राजू उस दिन खेलने नहीं गया।रात को राजू के पिता अपने काम से लौटे तो उसकी मां ने सारी बात बताई। तब उन्होंने राजू से कहा," तुम चिंता मत करो बेटा। सांता किसी में भेदभाव नहीं करते कोई अमीर हो या गरीब।वो बच्चों से बहुत ही प्यार करते हैं वे हमारे घर भी जरूर आएंगे।" यह सुनकर राजू बहुत खुश हो गया।
दो दिन बाद क्रिसमस था।राजू ने अध्यापक के बताए अनुसार एक क्रिसमस ट्री बनाया व उसे रंग-बिरंगे कागज से सजाया।उसके दिल में एक आस थी कि सांता क्लॉज उसके घर भी आएंगे।क्रिसमस की रात जब सांता क्लॉज राजू का गिफ्ट रखकर जाने लगे तो राजू की नींद खुल गई और वो सांता को देख खुशी से चिल्लाने लगा। उसकी आवाज सुनकर उसकी मां की नींद भी खुल गई व उसके पिता को घर में न देख वो समझ गई की उसके पिता ही सांता बने हैं और मन ही मन बोली बच्चों के असली सांता तो उनके माता-पिता ही होते हैं।
राजू तोहफा पाकर बहुत खुश था।उसे तोहफे में चॉकलेट व कहानी की किताब चंपक जो मिली थी।चंपक उसकी मनपसंद किताब थी।उसे खुश देख उसके माता-पिता भी खुश थे।
दोस्तों बच्चों को खुश करने के लिए मां-बाप कितना कुछ करते हैं । जब मेरा बेटा 3 साल का था तो हमारी सोसाइटी में भी क्रिसमस का त्योहार मनाया गया। वहां माता-पिता को अपने बच्चे के नाम पहले से ही गिफ्ट सबमिट करवाने थे ताकि जो सांता क्लॉज बना हो वह नाम देखकर बच्चों को गिफ्ट बांट सके। बच्चों को पता नहीं था कि गिफ्ट उनके मां-बाप के द्वारा ही दिलवाया जा रहा है ।मेरे हस्बैंड ने भी रिमोट कार वाला गिफ्ट बेटे के लिए सबमिट करवाया। जब मेरे बेटे को गिफ्ट मिला तो बहुत खुश हुआ उसे खुश देखकर हम भी बहुत खुश हुए। अब बेटा बड़ा हो गया है गिफ्ट तो नहीं मांगता पर हर क्रिसमस पर क्रिसमस ट्री जरूर लगाता है और हम भी हो सके तो क्रिसमस वाले दिन उसको चर्च जरूर लेकर जाते हैं।वहां की सजावट देख कर बहुत अच्छा लगता है।उसके स्कूल में भी क्रिसमस पार्टी हुई। जिसमें सब बच्चे अपने घर से कुछ ना कुछ लेकर गए कोई क्रिसमस केक लेकर गया, कोई गुबारे,कोई क्रिसमस ट्री बनाकर ले गया। इस तरह से बच्चों ने बहुत मजा किया। दोस्तों हमें हर त्यौहार खुशी से मनाना चाहिए।
मौलिक एंव स्वरचित
कॉपीराइट @ चेतना अरोड़ा'प्रेम'।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
सच है मां पिता बच्चों के लिए सब बन जाते हैं
Avanti Srivastav ji thanks
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