सोनिया के पति सुबह उठते ही लैपटॉप लेकर बैठे थे तो सोनिया ने कहा, "क्या बात है जनाब आज आफिस नहीं जाना।"ये सुनते ही उसके पति राघव ने उसे बताया कि आज रविवार है और हमेशा की तरह उसके गृहिणी होने पर ताना मारते हुए कहा,"तुम्हारे लिए तो हर दिन दिवाली हर दिन दशहरा है।"आज सोनिया भी चुप नहीं रही और बोली, "दिवाली दशहरा तो क्या शादी के बाद तो मेरा रविवार ही नहीं आया।"आज राघव सोचने पर मजबूर हो गया।अक्सर ऐसा ही होता है गृहिणी हो या नौकरी करने वाली औरत उसे व उसके काम को न जाने क्यूं नगण्य समझा जाता है।घर के सारे कार्य करने पर भी यूं समझा जा है कि वो दिनभर खाली रहती है।पर यही अगर एक दिन बिमार पड़ जाए तो पूरा घर अस्त-व्यस्त हो जाता है।काश के एक गृहणी को भी उसके हिस्से का सम्मान मिल सके उसे भी उसका रविवार मिल सके।
मौलिक एवं स्वरचित।
चेतना अरोरा'प्रेम'।
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