फ्रेंड्स,कहीं आप मेरी कहानी का शीषर्क देखकर चौंक तो नहीं गये अगर हां तो आपको 'आबर' की कहानी सुनाती हूँ ।मेरा बेटा जब 1 वर्ष का हुआ था तो वो अभी चलना सीख रहा था।मैं उसकी डाबर लाल तेल से उसकी मालिश करती थी।वैसे मैं उसे सुबह -शाम मालिश करती थी लेकिन ये किस्सा शाम की मालिश का है।पूरा दिन बेटा घर मैं क्रालिंग करता था और शाम को मैं पार्क ले जाकर उसे चलना सिखाती थी।फिर पार्क से आकर डाबर लाल तेल से उसकी मालिश करती थी।
हुआ यूं कि एक दिन मैंने शाम को उसकी मालिश नहीं कि और रात का खाना बनाने लगी कि अचानक मेेरा बेटा आबर-आबर बोलते रोने लगा मुुझे समझ ही नहीं आ रहा था कि वो क्या कहना चाह रहा है।फिर वो मुझे कमरे में ले जाने का इशारा करने लगा।मैैं उसे उठाकर रूम में ले गई तो उसने मेज पर पड़ी डाबर लाल तेल की बॉटल की तरफ इशारा किया और आबर-आबर बोलते हुए बहुत खुश हुआ।मैंने भी अनजान बनते हुए उससे पूछा कि क्या करूं इससे तो वो अपनी टांगों की मालिश करके दिखाने लगा।अब तो मैैं जानबूझकर उसका आबर-आबर सुनने के लिए उसकी मालिश करनी भूूूल जाती।फिर जल्द ही वो चलना सिख गया।
छोटे बच्चों की मालिश बहुत जरूरी है ।मालिश से मांंसपेशिया लचीली बनती हैं तथा सम्पूर्ण शरीर का विकास होता है।साथ-साथ तेल भी अच्छा होना चाहिए जो बच्चों की कोमल त्वचा को नुकसान न पहुंचाए।मुझेे डाबर लाल तेल बहुत ही अच्छा लगा।
डाबर लाल तेल डाबर इंडिया लिमिटेड का एक गुणकारी प्रोडक्ट है
यह एक आयुर्वेदिक तेेेल है।यह तिल,रतनजोत,कपूर,माष,शंखपुुष्पी आदि से बनाया जाता है ।
माष व शंखपुुष्पी मसल्स को ताकत देते हैं,तिल से रक्त संचार बढ़ता है,रतनजोत से त्वचा मुलायम बनती है व कपूर त्वचा रोगों से बचाता है।जब इन सब चीजों के संगम से बनता है डाबर लाल तेल।
डाबर लाल तेल से दिन में दो बार बच्चे की मालिश करनी चाहिए।इतने सारे फायदें जानने के बाद आप भी अपने चुन्नू मुन्नी के लिए डाबर लाल तेल ही लाना।
#Dabarlaloil
मेरा ब्लॉग पढ़ने के लिए धन्यवाद मेरी और कहानियां पढ़ने के लिए आप मुझे फाॅलो भी कर सकते हैं।
धन्यवाद
चेतना अरोड़ा प्रेम।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
वाह
Thanks
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