Chetna Arora Prem
Chetna Arora Prem 04 Feb, 2021
मज़बूरी
किसी की मज़बूरी पर ना हंस ए इंसान गर खुदा तुझपे हंसेगा तो नहीं बरदाश कर पाएगा तू बार बार माफ़ी मांगेगा अपने गुनाहों की तब समझ आएंगे अपने बुरे कर्म

Paperwiff

by chetnaaroraprem

04 Feb, 2021

#1000poems

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