बनोगे मेरे वैलेन्टाइन

बनोगे मेरे वैलेन्टाइन

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Bhavna Thaker
Bhavna Thaker 12 Feb, 2022 | 1 min read

"बनोगे मेरे वैलेन्टाइन"

मेरे कदमों की आहट महसूस करो मैं चूमती हूँ तुम्हारे पथ की रज को,

मांगने आई हूँ तुमको तुमसे मेरी गुज़ारिश को कबूल करो..


मेरी यात्रा का हिस्सा बनों अपने अनुराग को मेरी आकांक्षाओं में मलकर,

तुम मेरी लकीरों में चाँदी भरो मैं तुम्हारी खुशियों में नूर भर दूँ..


इश्क का गोपन अन्याय है एहसासों के संग, अपनी ब्याहता बना लो मुझे,

मैंने कविताओं को त्याग कर तुम्हें चुना है, तुम मेरी कल्पनाओं का आसमान हो..


अपनी हथेलियों में मेरा माहताब भरकर तुम मेरी उदासीयों पर इत्र घोल दो, मैं तुम्हारी रीढ़ पर पड़े थकान के हर एक कण को चुन लूँ.. 


मेरे गठीले स्वप्नो की सरगम में मौजों की रवानी भर दो, मेरे हुश्न की शौख़ी में अपनी रोबिली अदाओं का अंदाज़ मल दो मुझमें रहो, मुझमें ठहरो..


गोधुली की बेला में दरिया के साहिल पर चलते है, तुम सो जाओ मेरी गोद में सर रखकर मैं साँसें बिछा दूँ उस पल पर,

ताउम्र मेरे पास रहोगे इस बात का वादा करो..


चलो ना सुख को सहज ले कश्मकश भरी ज़िंदगी की धूर्णन गति को रोक ले,

किसी तारों भरी टिमटिमाती रात में एक दूसरे की आँखों में डूबकर मौन गुफ़्तगु की महफ़िल रचे..


तुम मेरे सीने पर सर रख दो मैं तुम्हारी आगोश की रौनक बनूँ, चुम्बन की कशिश को रोके नहीं प्रीत की मांग पर दोनों आलिंगन का पर्याय बनें..


दो हथेलियों को जोड़े एक कामना करे जीवन के अंतिम पहर तक मैं तुम्हारी हमसफ़र रहूँ, तुम्हारी आगोश में दम तोडूँ तुम मुझे आख़री आँच देने के अधिकारी बनों.. 

"कहो बनोगे मेरे वैलेन्टाइन"

भावना ठाकर 'भावु' (बेंगलोर, कर्नाटक)

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