चल सको तो

चल सको तो चलो

Originally published in hi
Reactions 0
546
Bhavna Thaker
Bhavna Thaker 29 Oct, 2020 | 1 min read
Prem Bajaj

सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो,

बने बनाये हैं साँचे जो ढल सको तो चलो।

किसी के वास्ते राहें कहाँ बदलती हैं,

तुम अपने आप को ख़ुद ही बदल सको तो चलो।


सिर्फ़ बस, ट्रेन या प्लेन में कहीं जाने का नाम ही सफ़र नहीं होता। ज़िंदगी जीना भी एक सफ़र ही तो है। निदा फ़ाज़ली जी की ये रचना ज़िंदगी के सफ़र को परिभाषित कर रही है। धूप छाँव की बयार से उलझते संघर्षों के बिहड़ जंगलों से गुज़रते सबको जीना है।

किसीके पास भरे-पूरे परिवार का वितान होता है जिसकी छाँव तले सुकून सभर ज़िंदगी कट जाती है। पर कोई कमनसीब ऐसा भी होता है जिसे ना बरगद की घनी छाँव नसीब होती है नाहि अमलतास की हरियाली बस अनमना सफ़र कट रहा होता है। रिश्तों के सफ़र में में भी कहाँ हर रिश्ते को मंज़िल मिलती है। हल्की सी अनबन पर कब सर से आसमान उठ जाएं पता ही नहीं चलता। 

पर दांपत्य के सफ़र में जब दो अनदेखे अन्जाने हाथों में हाथ लेकर चल पड़ते है जीवन रथ की डोर थामें तब दोनों तरफ़ से सिरे की तुरपाई पर मजबूती से चाहत के टांके लगाते कड़ी धूप को सहकर भी सफ़र को अंजाम देने की भरपूर कोशिश करते है। धूप से घबरा कर छाँव की चाह में आधा सफ़र नहीं छोड़ते। और जो ज़िंदगी की धूप सह लेते हो वो अपने हिस्से की छाँव बखूबी पा भी लेते है। या तो खुद छाँव उस मुसाफ़िर को ढूँढ लेती है। धूप की तप्त परछाई से बिना डरे जो चलते रहते है उसके साथ उसके नसीब का आदित भी झिलमिलाते सफ़र करता रहता है। 

आसान नहीं दांपत्य का सफ़र। खुद के वजूद का चोला उतार कर दूसरे के सांचे में ढ़लना पड़ता है। अपनी पसंद नापसंद को भूलाकर जीवनसाथी को खुश करना पड़ता है। शादी सिर्फ़ रस्म नहीं दो लोगों के जीवन रथ की नींव है जिसे एक सुहाना सफ़र समझकर तय करना जरूरी है। सात फेरों का छोटा सफ़र तय करते और हस्त मिलाप के विधि विधान के साथ वचन लेते चार आँखों की मंज़िल फिर एक होनी चाहिए। यकीन के स्निग्ध तार से बंधे पति पत्नी को हर सुख दु:ख में धूप छाँव सहते एक दूसरे को संभालते चलना है तभी दो दिल लग्नवेदी की अग्नि से शुरू किया हुआ सफ़र चिता की आख़री आँच तक आनंद लेते हुए ख़त्म करते है। वरना तो बस कट रहा होता है।

तभी तो निदा फ़ाज़ली जी की रचना का नायक नायिका को आगाह करते पूछता है सफ़र में धूप तो होगी चल सको तो चलो।

#भावु

0 likes

Published By

Bhavna Thaker

bhavnathaker

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.