ज़िंदगी को महसूस करो

ज़िंदगी को महसूस करो

Originally published in hi
Reactions 0
536
Bhavna Thaker
Bhavna Thaker 17 Oct, 2020 | 1 min read
Prem Bajaj

ज़िंदगी नृत्य है, ज़िंदगी संगीत है, ज़िंदगी सुर है, ज़िंदगी इन्द्र धनुष के हर रंग सी रंगीन है, 

"ज़िंदगी को महसूस करो"


आँखें मूँद कर रूह को सुकून के साँचे में ढ़ाल दो, 

चिंता को आराम की जरुरत है हल्की मुस्कान की चद्दर पर लिटा कर सुला दो कुछ प्यारी सी धुन सुनाकर..!

 

विचार रथ के सारथी बनकर लगाम थाम लो,

गहरी साँस लेकर अपने आसपास में तैर रही सकारात्मक ऊर्जा को नखशिख भर लो, इस पल में सिर्फ़ प्रार्थी बने रहो उस शक्ति के चरणों में खुद को सौंप कर..!


मन को सुविचारों के हिरक कण से भरकर जिसने आपको सहारा दिया हो उस हर एक व्यक्ति के प्रति धन्यवाद के सुर को आलाप देते रोशनी की ओर प्रस्थान करते सुंदर कलात्मक सपनों को आँखों में भर लो..!


अपने आसपास शांति का वर्तुल रचकर 

पथिक बन जाओ अपनी हर एक साँस को सुगंधित महसूस करते..!

एक सफ़र पर निकल जाओ जो पहुंचाता है मन को शांति ओर सुकून सभर स्वरचित स्वर्ग की ओर।

(भावना ठाकर, बेंगलोर)

0 likes

Published By

Bhavna Thaker

bhavnathaker

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.