राम

श्रीराम मय सब जग जानि,श्रीरामनाम ले पुकार अभिमानी।श्रीराम ही जग निहन्ता,कहे सकल मुनिजन सन्ता।श्रीराम का नाम पुकारो,अपने सभी कष्ट निवारो।

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Bharat Bhushan Pathak
Bharat Bhushan Pathak 09 Aug, 2020 | 1 min read
God

ताटंक छंद में रचना समर्पित:-विधान-१६-१४ पर यति,दो-दो चरण तुकांत तथा पदांत तीन गुरु अनिवार्य।

राम हमारे हैं साथ अभी,नव निर्माण करें आओ।

निशाचर अभी जो जाग रहे,आज बाँध उन्हें लाओ। 

अहंकार ने रावण को ही,काल बनकर तभी मारा ।

साथ अधर्मी का देने से,दानवीर भी था हारा।

श्रीराम के शरण में आओ,तुमको पार उतारेंगे।

श्रीराम मय जग हुआ सारा,आज यही हम गाएंगे।

भारत भूषण पाठक"देवांश"

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