" आजकल लोगों को हर बात पर बवाल करने की आदत है" मीना ने चिढ़ कर कहा।
" क्यों मूड बिगड़ा है, ये तो बता? " नेहा उसकी सहेली ने उसे तसल्ली देते हुए कहा।
" अरे भई, बहुत नुक्सान झेल रही हूं मैं ! जब से चाइना के उत्पादों का बहिष्कार शुरू हुआ ,मेरा चलता फिरता बिजनेस ढप होने की कगार पर है" ।
"पहले चाइनीज़ आइटम आनलाइन बेच कर अच्छे पैसे कमा रही थी पर अब कोई ऑर्डर ही नहीं मिल रहा" मीना ने दुखी होते हुए कहा।
"अरे तो 'मेड इन इंडिया या मेक इन इंडिया' वाले ही उत्पाद बेचों ना!"
"मेड इन इंडिया और मेड इन इंडिया" भी अलग अलग है क्या "? मीना ने आंखें चौड़ी करते हुए कहा।
" चलो तुम्हें समझाती हूं मेड इन इंडिया ब्रांड है जो भारत खुद अपनी तकनीक अपने घरेलू उत्पाद और अपने कच्चे माल से बनाता है एक ब्रांड जो भारत का प्रतिनिधित्व करता है तो वह मेड इन इंडिया होता है जैसे अमूल्य।
" वही मेक इन इंडिया में विदेशी कंपनियां अपनी तकनीक लाती है भारत में और यहां अपने कल कारखाने लगाती हैं यहां के लोगों को रोजगार मिलता है और फिर यहां अपना उत्पाद बनाती हैं, तो बनता तो वह भारत में ही है इस तरह से यह मेक इन इंडिया कहलाता है" ।
" बड़ा गड़बड़ झाला है ये तो ! " अब मीना ने मुंह बनाते हुए बोला।
"कुछ गड़बड़ झाला नहीं ! "
" चलो ऐसे समझो"
"तुम घर पर रोटी और मैगी दोनों बनाती होगी"
"हां"
"क्या दोनों घर के खाने में आते हैं ?"
"भले ही मैगी तुमने घर में उबाली पर नुडल्स से लेकर मसाला सब बाहर से बन कर आए"।
" जब की रोटी के लिए आटा खुद तुमने गुंधा व बेल कर सेंकी"।
" तो रोटी क्या हुई?" नेहा ने पूछा।
" मेड इन इंडिया " मीना ने अब मुस्कुराते हुए कहा
और मैगी?
मेक इन इंडिया"
"बिल्कुल सही! जब तक हम तकनीकी तौर पे सक्षम नहीं हो जाते तब तक अस्थाई तौर पर मैगी ठीक है पर हमेशा खाने में रोटी ही फायदेमंद होती है" नेहा ने अपनी बात स्पष्ट की।
" समझ गई यार , अब पूरी पड़ताल कर ,कर ही उत्पाद बेचुगीं " मीना ने दृढ़ता से कहा।
मौलिक व स्वरचित
अवंती श्रीवास्तव
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
विषय आधारित संदेशपरक कथा
Wahh, bdhiya 👍
बहुत खूबसूरत तरीके से कहानी के माध्यम से समझाया ।
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