archana Rai
archana Rai 09 May, 2021
माँ
माँ पर लिखने जब भी कलम उठाती हूँ भाव शून्य से और शब्द मौन से और हाथ जड़ हो जाते हैं.... कल्पनाओं को पंख नहीं मिलते कागज कोरा रह जाता है. सारा हुनर धरा का धरा रहता. ज्ञान शून्य हो जाता है.. माँ के आगे सारा संसार बौना नजर आता है... © अर्चना राय

Paperwiff

by archanarai

09 May, 2021

मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ.

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